मोती लाल साहु 18 Oct 2023 शायरी अन्य मंदिर यह ईश की 13167 1 5 Gujarati :: ગુજરાતી
"देखा ए-अरमानों के- बुलबुलें सजा के हमने"! "देखा जगमगाते सपने- ए-ख्वाब सजा के हमने"! "हक़ीक़त में यह मानव- शरीर ख़्वाब नहीं अरमान नहीं"!! "ए-इनायत उस महान्- शक्ति की मंदिर यह ईश की"!!!!!! -मोती
5 months ago