संदीप कुमार सिंह 05 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6952 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) पंकज सम मेरे नयन, लब पर है मुस्कान। दिल में जगमग प्यार है, सभी लोग हैं शान।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....