Rameez Raja 26 Feb 2024 कविताएँ दुःखद इंतज़ार 5416 0 Hindi :: हिंदी
इंतज़ार करना हमें बहुत कुछ सिखा देता है, कभी रोते हुए नेत्र से बहते दुख के निर्झर, दर्द भरी पीढ़ा वदन में समाए, यह दर्शा देता है कि तुम भी उसी तट पर आओगे जहां से हम भी कभी गुज़रा करते थे याद करके उसे कभी पल पल, हर पल। न कहो कि तुम कुछ क्षण और रुक जाओ, न कहो मात्र दो पल और ठहर जाओ, रुक जाओ अभी बस काफ़ी है ठोकर तुमने खाई , मिलन का वह क्षण जब आए समीप द्वार पर अभी अभी, कह दो उससे कि कैसे यह हर दिन, हर पल बीते और काटे हैं जैसे कोई वर्षभर ।।