Shivani singh 15 Jul 2023 कविताएँ अन्य 9076 1 5 Hindi :: हिंदी
कलियों के मधु से लब चूमती मधुमक्खी, पुष्पों का अधीन वो रंगीन संगी मधुमक्खी। समझना मुश्किल है उसका यार बनना, मिठास भरी बातों में बेबाक सी मधुमक्खी। प्रकृति के लखनऊ में बनी बेजोड़ बूटों की, सुन्दरता का आभूषण है नतमस्तक मधुमक्खी। चाँदनी रातों को नगीना समझ रही रात हो, प्रेम का संगी ढूंढ रही है राजहंस मधुमक्खी। कोमल पंखों से वो सूरज जैसा ऊँचा उड़ती, अपने सपनों को पाने की जिद पाकर मधुमक्खी। प्यार की राहों में भटकती फूलों की ख़बर, नयी ख़ुशबू और नया रंग घोलती मधुमक्खी। जिसके पास समय हो सबकी सुन ले बातें, समझे वो ज़मानत में छुपी बातें मधुमक्खी। छोटे छोटे पूँछ धर लिए बड़े सपने, आसमान को छू लेने की है ख़्वाहिश मधुमक्खी। ख़ुद को छोड़ आज उड़ जाती है आसमान, आकाश की लपेट में छुपती जा रही मधुमक्खी। बंधनों से बंध जाने का भय नहीं उसे, जीने की है ख़्वाहिश, देखती जा रही मधुमक्खी। कांपते पंखों से जिसको डर नहीं वो फिर से उड़ जाती है, मन मोह लेने की बात है वो खुद से दराज़ मधुमक्खी। पर वो तो आज भी ख़्वाब देख रही है, आसमान की लपेट में छुपती जा रही मधुमक्खी।। संगीतीक जगत की मधुरिमा से भरी इस कविता में मधुमक्खी के रंगबिरंगे दुनिया की चार्मिंग चित्रण को व्यक्त किया गया है। मधुमक्खी के छोटे-छोटे पूंछों और पंखों के बारे में जिक्र करके उसकी मिसाल को सजाया गया है, जो इसकी प्राकृतिक खूबसूरती को दर्शाती है।
8 months ago