कुमार किशन कीर्ति 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक धरती,समान,उपेक्षित, स्त्री 77023 0 Hindi :: हिंदी
स्त्री.... कितना छोटा शब्द है यह मगर,स्त्री होना सहज नहीं है। स्त्री बनकर जीना सहज नहीं है। स्त्री... कितना छोटा शब्द है यह। स्त्री तो होती हैं धरती समान। समान!कैसे! जी हाँ, स्त्री तो धरती समान ही धैर्यवान और सहनशील होती हैं। मगर,आज स्त्री और धरती दोनों ही मानवीय संवेदना से उपेक्षित हैं।