Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 40735 0 Hindi :: हिंदी
// आपसे ..... खुद को हमनें , आप बना लिया खुद से आपसे , बातें कर लिया एक ही नजर में , आपको अपना लिया आखिर ऐसी भी , क्या है आपमें , कोई खास विशेषता...! महक जाते हैं हम तो महज , आपकी यादों से हमें इत्र की , क्या आवश्यकता...! आओ बंधे हम दोनों , एकता के सूत्र में , कम हो दूरी और मिटे हमारी अनेकता...! हमारे आपसी संबंधों में , दरमियां बस इतनी रहे , रिश्तो में बनी रहे गरमाहट , बनी रहे पवित्रता...! जिंदगी और मौत के , बीच के जद्दोजहद में , जिंदगी खुशनुमा हो और मिलती रहे सफलता...! कोई छूटता है तो , मिलता नहीं कोई बनी है एक पहेली इसमें , कोई जीतता कोई हारता...! इस हार-जीत के खेल में , चाहूं मैं जीत जाऊं अगर , बनी रहे आप की मुझ पर , कुछ ऐसी विनम्रता...! कि जीवन सफल हो , धन्य हो जाए कुछ , इस तरह बगिया में , खिल रहे हैं पुष्पलता...! चिन्ता नेताम "मन" डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)