मनीष राठौड 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य मनीष राठौड (मानाराम ) 9958 0 Hindi :: हिंदी
था मधुमास का मौसम पड़ा था उल्टा अम्बर न जाने थी थाल भरी मोतीयों से आंगन में फैले दुध के झाग आकाश था या आंगन विभावरी थी चांदनी उजास था दीपक का टिमटिमाते दूध के झाग आया है नवजीवन बालक मुस्कुराहट भरी जिंदगी था मधुमास का मौसम फूटे हैं सौरभ में बोर हंसते खेलते कुसुम था मधुमास का मौसम मनीष राठौड (मानाराम )