Ramiz Aziz Khan 11 Jan 2024 कहानियाँ प्यार-महोब्बत दोस्ती 4032 0 Hindi :: हिंदी
मेरा नाम रमीज अजीज खान है। मैं आज आपको मेरे जिंदगी से जुडी कुछ यादगार यादें ताजा कर कर बता रहा हूं। मेरी मां सिल्लोड तालुका में केलगांव में पहली कक्षा की शिक्षिका थी।मैं जब तीन साल का था तब मेरी मां के साथ रहता था। सुबह स्कूल में मां के साथ जाता था। बहुत ज्यादा रोता था।तब मेरी मां के कुछ विद्यार्थी विद्यार्थीन लेकर खेलते थे। मुझे बहुत ज्यादा खुश रखते थे। उनमें सबसे ज्यादा मुझे लेकर खेलने में एक मेरे मां की विद्यार्थीन सीमा भी थी। वह मुझसे उम्र में बड़ी थी। मुझे कुछ खाने को सबसे पहले देती थी जैसे चॉकलेट। और खाना खाने की छुट्टी में मैं डिब्बा उसके बिना नहीं खाता था वह मुझे डिब्बा खिलाती थी अपने हाथो से। वो मुझे अपना छोटा भाई समझती थी। मुझे स्कूल के मैदान में मिट्टी खेलने का बहुत शौक था उससे हाथ मिट्टी में भर जाते थे।तब मेरी मां मुझे डांट और मारती थी तब सीमा मुझे समझाती थी। फिर मैं खामोश हो जाता था। एक दिन सीमा स्कूल को नहीं आयी तब मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। मेरा कोई खेल में दिल बिलकुल भी नहीं लग रहा था। फिर दुसरे दिन मैं मेरी मां के साथ स्कूल आया तब मेरे मूंह से यह आवाज आयी की सीमा कहा है। स्कूल में मैं उसका हाथ पकड़ कर रोने लगा कुछ देर मेरे चेहरे पर हँसी और आंखों में खुशी के आंसू निकल रहे थे। फिर कुछ साल बाद मेरे नाना नानी के पास पहली कक्षा में मैं केलगाव से औरंगाबाद पढ़ाई के लिए आ गया।