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पापा मैं कलेक्टर बनूँगा

कुमार किशन कीर्ति 27 May 2023 कविताएँ बाल-साहित्य कलेक्टर, सपना 8159 0 Hindi :: हिंदी

पापा,मैं कलेक्टर बनूँगा।
नाम आपका ऊचां करूँगा।
यही मेरा बस सपना है।
मुझे कलेक्टर बनना है।

पावर मिलेगी,शोहरत मिलेगी।
दौलत के साथ इज्जत मिलेगी।
समाज की समस्या को मैं सुलझाऊंगा।
पापा, मैं कलेक्टर बनूँगा।

आप कहते है, बेटा मेरा नाम ऊचां करेगा।
'हाँ'पापा मैं भी ऐसा ही करूँगा।
आपके इस सपने को मैं पूरा करूँगा।
एक दिन बनकर कलेक्टर,
मैं आपके चरण का आशिष लूंगा।

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