Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

फितरत-मानव जीवन का सच

DINESH KUMAR KEER 09 May 2023 आलेख अन्य 6551 0 Hindi :: हिंदी

फितरत...
इन्सान की फितरत है कभी नहीं बदलती है
वक्त के साथ लोग बदल जाते है
चूहा पत्थर का हो लोग पूजा करते है जिंदा हो तो बिना मारे दम नहीं लेते ओर सांप पत्थर का हो तो पूजा करते है
जिंदा हो तो सब मारते हे वैसे ही इन्सान तस्वीर मै हो तो पूजा करते पकवान का भोग लगाते उनको जिंदा इन्सान को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं तो किस काम का आपका इन्सान होना जिंदा रहते सबकी कद्र करें पाप ओर पुण्य सब यही धरती पर है, इन्सान हे तो इन्सानियत को जिंदा रखे यही मानव जीवन का सच है...

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में खुशहाल रहना है तो अपनी नजरिया , विचार व्यव्हार को बदलना जरुरी है ! जैसे -धर्य , नजरिया ,सहनशीलता ,ईमानदारी read more >>
Join Us: