Raj Ashok 30 Jan 2024 शायरी प्यार-महोब्बत मुसाफिर 3487 0 Hindi :: हिंदी
एक नजर ,जब उसे देखा हल्की सी हंसी , होठों पर ठहर गई ।। जिन्दगी के कुछ बिते पलो को जब याद कर ,पन्नों पर कुछ कुतेरने लगे । घीरे-घीरे वो कागज पर नजर आने लगी । कहते है। के दिल मे ठहरे हुऐ लोग कभी मुसाफ़िर नहीं होते।