Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

भीगा मेरा मन-मैं लिखूं क्या ये

Sudha Chaudhary 21 Sep 2023 कविताएँ अन्य 10577 2 4.5 Hindi :: हिंदी

भीगा मेरा मन
मैं लिखूं क्या ये तन
कितनी लहरें आई
रोका न गया ये मन।

तेरे आने के बाद
क्या कौन कहां आए
भुला बिसरा है जो
याद कहां से आए।

मेरा धाम वही प्रिय
जिसमें वास तेरा हो
तुम मुक्ति के रूप स्वरूप
तुम ही से मात मेरा हो।

मैं धीरज धरनी
तुम भर्ता मेरे
नैनो के  इस रूप  जाल में
होते पार न मेरे ।

सुधा चौधरी
बस्ती

Comments & Reviews

राकेश
राकेश You have written a very beautiful poem

6 months ago

LikeReply

Sudha Chaudhary
Sudha Chaudhary धन्यवाद आपका

6 months ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: