PURUSHARTH DEWANGAN 30 Mar 2023 शायरी दुःखद गुमसुम सी अनजान रास्ते में खो गया हूं, ना मेरा कोई पता, ना कोई ठिकाना, मंजिल थी, अब तो ख्वाइश भी आखिरी सांसे ले रही है। 13819 0 Hindi :: हिंदी
गुमसुम सी अनजान रास्ते में खो गया हूं, ना मेरा कोई पता, ना कोई ठिकाना, मंजिल थी, अब तो ख्वाइश भी आखिरी सांसे ले रही है।