Ujjwal Kumar 13 Jun 2023 शायरी अन्य Time 14528 0 Hindi :: हिंदी
"वक्त से लड़कर अपना नसीब बदल दे, इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे, कल क्या होगा उसकी कभी ना सोचो, क्या पता कल वक्त खुद अपनी लकीर बदल दे…" उज्ज्वल कुमार 🖋️
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