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गांव की हवा

Anjani pandey (sahab) 26 Apr 2023 कविताएँ अन्य ###गांव की हवा**** 20384 0 Hindi :: हिंदी

हम जिंदगी नही साहब, बस जी रहे है 
         गांव में मिलता था पानी शुद्ध पीने को,
सहर में फिल्टर वाला पी रहे है
           कभी जब जी ऊबता था दोस्तो से मिलते थे 
   यहां सभी अनजान, अकेलेपन में जी रहे है 
ये माना मुश्किल है अनजान रहना 
            एक मैं ही नही इस शहर में 
यहां सभी तो दवा से जी रहे
                 हर मकान किराए पर है 
हर मुसाफिर अच्छे की तलाश में हैं
               लोग बनवा कर आलीशान सा घर 
अभी भी दूसरे की तलाश में हैं
          @अंजनी पांडेय साहब

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