Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #दीपावली पर लिखी कविता#दिवाली पर लिखी कविता#सामाजिक कविता#समाज पर लिखी कविता#एकता पर लिखी कविता#दीपक पर लिखी कविता#रंगोली पर लिखी कविता#Rambriksh kavita#kavita by Rambriksh#ambedkarnagar Poetry#rbpoetry#आओ मन का दीप जलाएं कविता 20806 0 Hindi :: हिंदी
बन जुगनू जगमग कर जाएं | आओ मन का दीप जलाएं|| भेद भाव की छोड़ बुराई भर मन में अपने अच्छाई दिल में जो अंधकार भरा है दीपक दिल में बुझा पड़ा है दिल से नफ़रत द्वेष मिटाएं | आओ मन का दीप जलाएं || दीप जलाना एक बहाना साथ खड़े हो प्रेम निभाना हाथ बांध कर एक पंक्ति में सारा जग जगमग कर जाना लता- बेल सा हम बन जाएं | आओ मन का दीप जलाएं || कोना कोना गांव देश का जाति धर्म का वर्ण वेश का, मिल रंगों सा बन रंगोली लाल गुलाबी नीली पीली, स्नेह प्यार का नेह जगाएं | आओ मन का दीप जलाएं || फोड़ पटाखा चकाचौंध में घर घर लक्ष्मी पूजी जाती बिच्छू गोजर सांप छछूंदर मंत्र जाप खूब की जाती सोंच समझ का ज्ञान बढ़ाएं | आओ मन का दीप जलाएं || देखो ढूढ़ो ऐसे बच्चें भूखे प्यासे रोते सोते बेसहारा जीवन जीते ! क्या दीवाली ऐसे होते? उनकी खुशियां वापस लाएं | आओ मन का दीप जलाएं|| दीपक बाती सा जीवन में, रिश्ता क़ायम हो मन मन में, सिकवा गिला भूल भुला कर, शीश नवाकर गले लगाकर, मन मुटाव मत भेद मिटाएं | आओ मन का दीप जलाएं|| ________________________________________
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...