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हर बात बिगड़ क्यों जाती है

RANJEET KUMAR 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य कोशिश, मेहनत , होंसला , और कठिनाइयों में भी नहीं डरना , हार न मानना 87645 0 Hindi :: हिंदी

मैं कोशिश करता ‌हू पर हर बात बिगड़ क्यों जाती है।
खुशियां मेरे जीवन में आने से पहले फिसल क्यों जाती है।
मैं करना चाहता हूं सब अच्छा पर न जाने कहां चूक रहे जाती है। मैं कोशिश करता हूं पर हर बात बिगड़ क्यों जाती है।
पर हार  नहीं मानूंगा मैं भी कोशिश करता रहूंगा
आसमां में भी सुराख करके अपने जीवन को संवार दूंगा।।
और हर खुशी को बांट दूंगा सारों और फैला दूंगा उजियारा
क्योंकि हार न मानने व ईमानदार कोशिश से हर बात सवर जाती हर बात सवर जाती है।।

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