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बेवफ़ा हसीना-बेइंतहा प्यार का सिलसिला

संदीप कुमार सिंह 26 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 40565 11 5 Hindi :: हिंदी

(छंद मुक्त कविता) 
एक हसीना थी_एक दीवाना था
दोनों एक दूजे पर मरता था।
पहले एक बार मिला,
फिर बार_बार मिलने लगा।

प्यार का सिलसिला चलने लगा,
प्यार में कसमें भी शुरू हो गए थे।
अब दोनों का दूर रहना मुश्किल थी,
दो बदन पर सांस जैसे एक हो।

हसीना कहने लगी,
ये फलक_ये जमीं कुछ भी नहीं।
तुम ही मेरी दुनिया_जहान हो,
तुम ही मेरे खुशियों का संसार हो।

दीवाना भी कहने लगा,
तुम कायनात सुन्दरी हो।
तुम से मेरी सुबह_शाम है,
तुम से ही मेरी जिंदगी है।

बेइंतहा प्यार का सिलसिला चलने लगा,
सारे जमाने में यह बात फैलने लगी।
लोगों के लब पर इन दोनों के,
प्यार भरी चर्चा होने लगी।

फिर लोग जलने भी लगे,
दोनों के आशिकी को देखकर।
जलने वालों को कोई,
नस्तर सा चुभ जाता था।

दोनों के जीवन में ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ थी,
न कोई गम न कोई शोक था।
प्यार का आलम था,
साँस से साँस का टकराहट था।

अदृश्य रूप से देखने वाले भी,
इन दोनों के प्यार देख हैरत में था।
जलन इन अदृश्य शक्तियों को भी होने लगा,
चाहने लगा की दोनों का दिल टूट जाए।

और अब एक कयामत हो गई,
इस प्यार बीच तीसरा भी आ टपका।
हसीना किसी और पे भी मरने लगी,
दीवाना से मन ही मन जलने लगी।

दीवाना अनजान था हसीना के बेवफाई से,
प्यार का भूत उसके ऊपर वैसे ही सवार था।
उसे नहीं पता था अब क्या होने वाला है,
आंखों में उसके वैसी ही चमक थी।

अब हसीना मौका के तलाश में थी,
दीवाना को जान से मारना चाहती थी।
आख़िर उसने ज़हर पीला ही दिया,
दीवाना इस संसार को अलविदा कह दिया।

प्यार का यहां जलवा कुछ विशेष है,
दीवाना फिर से जन्म लिया है।
बड़ा हुआ है,
फिर उस हसीना से टकराया है,
उसके आंखों में प्यार से फिर देख रहा है।

फिर प्यार का सिलसिला चालू हुआ,
फिर से दोनों एक_दूजे पर मरने लगे।
दीवाना चोट खाया हुआ था,
हसीना को सबक सिखाना था।

अब कयामत हसीना पर गिरने वाली थी,
दीवाना अपना राज खोलने वाला था।
उसने पहले प्यार की कहानी कहना शुरू किया।
हसीना इस दीवाना को हैरत से देखने लगी।

यह जानकर उसके होश उड़ गए,
कि ये तो मेरा पहला प्यार का दीवाना है।
उसके पांवों तले से जमीं खिसक गई।
वह गस्त खा कर गिर गई।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह अति सुन्दर

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह लाजवाब, कमाल

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह बेहतरीन

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह अदभुत सृजन

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह Very Thriler Creation

8 months ago

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संदीप कुमार सिंह
संदीप कुमार सिंह Very Intrested Creation

8 months ago

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Addy Rathore
Addy Rathore Bhut sunder rachna 💫🌈

6 months ago

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