Kalindri pal 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य 8352 0 Hindi :: हिंदी
आजा चंदा तुझे बुलाऊं, मुन्ने को कैसे समझाऊँ । मुन्ना मुझसे रूठ गया है, मुन्ने को मैं कैसे मनाऊँ । चंदा अब तो तुम्हीं बताओ , मुन्ने को अब तुम्हीं मनाओ । तुम ही दूध बतासा लाओ, मुन्ने को अब तुम्हीं खिलाओ। चंदा अब तो तुम ही आओ, संग में चांद सितारे लाओ। मुन्ना मुझसे न मानेगा, मुन्ने को अब तुम्हीं मनाओ । चांद सितारों के संग मिलकर, दूर देश की सैर कराओ। हाथी -घोड़े और खिलौने, मुन्ने को अब तुम्हीं दिलाओ। अपने घर में लेकर जाओ, दूध- बतासा तुम्हीं खिलाओ। कविता की एक पुस्तक लेकर, अब तो उसको तुम्हीं पढाओ। गीत सुनाकर लोरी गाकर, अब तो उसको तुम्हीं सुलाओ। अपने मइया से न रूठे, अब तो उसको तुम्हीं बताओ । मुन्ना मुझसे रूठ गया है, मुन्ने को अब तुम्हीं मनाओ ।
I am kalindri pal *betul*. I am from village and post nighuwamau block Machhrehata district Sitapur...