akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग *आँख की महिमा * 23664 0 Hindi :: हिंदी
आँखों का है खेल निराला | सुन लो भैया सुन लो लाला || आँखों का काजल लुट जाये | तुमको पता नहीं चल पाये || चोट लगे तो आँखे रोतीं | नींद आये तो आँखे सोतीं || आँखों आँखों में ही देखो | प्यार मोहब्बत हो जाती है || आँखों से जब होएं इशारे | सुनो मोहब्बत हो गई प्यारे || जब मोहब्बत हो जाती है | नींद आँखों की उड़ जाती है || आँखों से आखें मिल जायें | दिल का चेन तभी लुट जाये| | |पत्नी जब गुस्सा हो जाये | हमको तुरत आँख दिखाए || पत्नी जो आँखें दिखलाये | अपनी आखें तुरत झुकाएं || आँखें जब हम से शरमाएं | समझो लज्जा वो दर्शायें || पत्नी जब आँखे मटकाये | जेब तुम्हारी कट ही जाये || पत्नी को खुश रखना है तो | रखो आँख को सदा झुकाए || जब हम कभी दुखी हो जाएँ | आँखों में ही आंसू आयें || और खुशी के मौके पर भी | आँखों में ही आंसू आयें || रचियता :------ अखिलेश श्रीवास्तव
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...