Anjani pandey (sahab) 28 Jun 2023 कविताएँ समाजिक 6276 0 Hindi :: हिंदी
कुछ दिन बीते है ऐसे जैसे कोई बात नहीं लोग मस्त है मस्ती में ,पूरी दुनिया की बात यही कुछ बातों का तर्क नहीं सौ बातो की बात यही तुम ढूंढो धरती और गगन में खुशी किसी के पास नही , जेब में नोट हजारों है पर कुछ लोगो का साथ नही मैने दुनिया देखी मीलों चलकर अब दुनिया में वो बात नही गांव शहर में फर्क है इतना गांव भरा पड़ोसी से शहर में कोई पास नही , जैसे दुनिया पहले थी अब वो वाली बात नही गांव में हरियाली, बीमारी से रक्षा शहर में हवा भी तो साफ नहीं ..