Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

मेरी कल्पना

Shubham Kumar 30 Mar 2023 आलेख दुःखद मेरी कल्पना 32005 0 Hindi :: हिंदी

जो मेरा लक्ष्य है, किसी कार्य का एक   सेंटर प्वाइंट आता है, जिसे मुझे अपने     मन में, बसाना, ही होगा,, हां मैं अपने कल्पनाओं में, अपने कार्य को 100 बार अंजाम देता हूं, और हर बार अपने   बेहतरीन तरीके से उस कार्य को करता हूं,, मैं अपने लक्ष्य में, अपनी कल्पनाओं         में,   एक कामयाब व्यक्ति देखता हूं,,        मैंने       खुद को कभी हारा हुआ नहीं देखा, मैं जानता हूं, मेरी कल्पना ही मेरी, शक्ति का स्रोत है, मैं अपनी कल्पनाओं में अपने आप को, सबसे सर्वश्रेष्ठ मानता हूं, सबसे बेहतर मानता हूं, और हमेशा मैं  निडर रहता हूं,, मैं शेर की तरह, अपने साहस,   को कायम रखता हूं,, मैं जब भी सुबह उठता हूं, तो अपनी कल्पनाओं में,          खुद को एक बार देखना, जरूरी समझता हूं, जो मुझे हकीकत की, जिंदगी से नहीं मिलता, उसे मैं अपनी कल्पनाओं में, पाकर खुश रहता हूं, जब मैं किसी कार्य के, प्रति ही सोचता हूं,  हमारे मन मस्तिष्क में,      उस कार्य को, अंजाम देने के लिए,, कई प्रकार के, योजनाएं चलती रहती है, जो मुझे उस कार्य को, करने के लिए, साहस प्रदान करती है,, जब मैं कभी, इस कार्य के उल्टे परिणाम, के बारे में सोचता हूं, तो मैं डर जाता हूं और मुझे, उस कार्य के प्रति,    घृणा हो जाती है,, और उस कार्य को     करने के लिए, साहस कम पड़ जाते हैं,,    मैं उस कार्य में मुंह के बल, गिरता हूं,      यहां पर मैं कह सकता हूं, कि किसी      कार्य में, असफलताएं जब                 हासिल होती है, जब हम उस कार्य को, ठीक से समझते नहीं, उसके बारे में,       हमारे विचार, पॉजिटिव नहीं रहते, हम उस कार्य  को अपने मन मस्तिष्क में,          ll    बोते हैं मगर नेगेटिव पॉइंट में,       तो यहां पर हम, अपनी                  कल्पनाओं में,         कई बार धक्के खाते हैं,  और उठने के लिए साहस भी नहीं पाते, यहां पर मैं कह सकता हूं कि, किसी कार्य को अंजाम देने के लिए, हमारी कल्पना  होना जरूरी है, कोई कार्य का एक सटीक विषय, होता है और उसी  वेग में, कार्य करना, और हमारी कल्पना में, जब वह विषय उतर जाता है, तो मैं यकीन मानो, उस कार्य को 100 बार अंजाम, दे चुका होता हूं, अगर जब भी मैं, उस कार्य के उल्टे विषय,  की दिशा में चलता हूं, यकीन मानो, इस कार्य में मैं अपने आप को, 100 बार फेल होता देखता हूं, हमारी कल्पना ही, हमारे मनोबल को  बढ़ाते हैं, यह ईश्वर का कैसा बनाया, रचना है, इसका उदाहरण है, ऐसे दे सकता हूं कि_ कोई व्यक्ति सुबह उठता है, और उससे कहा जाता है, कि तुम आलस लोगे या फुर्ती, तो  वह व्यक्ति, आलस को चुनता है, और कोई  फुर्ती को चुनता है,, सबके अपने अपने चॉइस है,

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में खुशहाल रहना है तो अपनी नजरिया , विचार व्यव्हार को बदलना जरुरी है ! जैसे -धर्य , नजरिया ,सहनशीलता ,ईमानदारी read more >>
Join Us: