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प्यास (रोला आधारित मुक्तक छंद)

संदीप कुमार सिंह 22 Apr 2023 गीत अन्य मेरा यह गीत समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5401 0 Hindi :: हिंदी

मन में है मधु प्यास,प्रगति की है नित आशा।
सब साधन हो पास,कभी आए न निराशा।
करता रहूं प्रयास,पार कर के सब बाधा_
पाऊँ सही मुकाम,बनूं मत कभी अनाशा।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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