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होली

Santosh kumar koli 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक होली 86838 1 5 Hindi :: हिंदी

क्यारी में, फुलवारी में, हंसती है फाग जवानी।
झूमे मंजरी संग तितली, फाग की अगवानी।
बौराए, मधुमास में, भौंरा-भौंरी सारंग।
प्यार पुराने जी उठे, बीती यादों के संग।
छोटे-बड़े सभी में, होली का हुड़दंग।
ईद मिलन को आ गई, ले हाथ में रंग।
तरल बनाते रिश्तों को, प्यार का रंग अबीर।
मुखर- मस्त हो गए , जो थे शांत गंभीर।
फगुनहट, फगुनहरा, वो चौपाली चंग।
मन-रंजिश के राग को, बहा ले गया रंग।
आओ सब मिलकर जला दें, बुराइयों की होली।
एक-दूसरे की भर दें, प्यार-प्रेम से झोली।

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vikash kashyap
vikash kashyap JAY HIND JAY HIND

11 months ago

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