Danendra 30 Mar 2023 शायरी समाजिक 24826 1 5 Hindi :: हिंदी
चाह कर भी ना, छोड़ सकु मै, उस प्यार को जिसने मुझे जन्म से, आज तक सुख दुख में ,रोते रोते हसना सिखाया है। उस परिवार माता पिता,गुरुजन का बस आशीर्वाद चाहता हूं। जिसने मुझे मंजिल तक पहुंचाया है।
1 year ago
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