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धर्म बढ़े तब खूब- ज्ञान की बहती सरिता

संदीप कुमार सिंह 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3721 0 Hindi :: हिंदी

कुंडलिया छंद 
कविता का संसार ने, सबको दिया मुकाम।
 ज्ञान भरी  दी प्रेरणा,किया खुशी आवाम।।
किया खुशी आवाम,हुनर देता है सबको।
जन जन में उत्साह,शुद्ध करता है मनको।। 
धर्म बढ़े तब खूब, ज्ञान की बहती सरिता।
लब पर हो मधु बोल,एकता करती कविता।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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