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पापा : हमारे मसीहा

meghna bhardwaj 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 83615 0 Hindi :: हिंदी

वो कभी जताते नही है।
मगर हमे अपनी जान से भी ज्यादा चाहते है।
जब हमे चोट लगती है।
तो उन्हें भी  दर्द होता है।
मगर वो कभी बतलाते नही है।
हर चीज़ मांगने से पहले ही दिलवा देते है।
वो कभी किसी चीज़ के लिए  तरसाते नही है।
वो पापा है
जो हमे डांटते है, और मना भी लेते है।
रुलाते है कभी तो हँसा भी देते है।
कभी रात को बाइक पर घूमने ले जाते है।
तो कभी सुबह झूठ बोलकर स्कूल भेज देते है।
मम्मी अगर हमे लड़ती है
तो वो मम्मी से भी लड़ लेते है।
जो कभी हमारी तारीफ नही करते
पर अंदर से गर्व के आंसुओं में भीगे रहते है।
जो पहली बार हमें गोद मे लेकर, दुनिया की सारी खुशियाँ अपने पास महसूस करते है

इस पूरी दुनिया मे एक पिता ही तो हैं जो चाहता हूं, की उसकी औलाद उससे भी आगे जाए

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