संदीप कुमार सिंह 17 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 7931 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) दिन दिन बढ़ता जा रहा, लोगों में अब लोभ। लेना चाहे पर माल को,जो है मनु पर चोभ।। दिन दिन बढ़ता जा रहा,दुनियां में अपराध। जैसे जंगल राज हो,कुचल डाले साध।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....