Pravin Chaubey 30 Mar 2023 शायरी समाजिक #काव्य #सायरी #पोएम 8323 0 Hindi :: हिंदी
ये जिम्मेदारियां ही तो है जो इंसान को वक्त के साथ चलना सीखा देती है हालात कैसा भी हो लड़खड़ाने के बाद सभलना सीखा देती है कोई गिरता हैं तो कोई उठता है तो कोई उठ के फिर चलता है जिंदगी की इस भाग दौड़ भरी लाइफ में खुद को खुदी से संभलता है - प्रवीण चौबे
I am the Restuarant Purchase Manager My hobby is writer...