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पुष्पित हुआ है फिर से उपवन

Jitendra Sharma 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक Ab Jaag Uthi hai Tarunai, Jitendra Sharma, The Best Poem, My Great India 43187 3 5 Hindi :: हिंदी

कविता- अब जाग उठी है तरुणाई।
रचना- जितेन्द्र शर्मा 


पुष्पित हुआ है फिर से उपवन, सुगंध विश्व में फैलाई।

चंद्र तारे भर आंचल में, धरा पर लक्ष्मी जी आई।।

नई सदी है अब भारत की, पल्लवित सभी स्वप्न होंगे,

ना हारेंगे ना ठहरेंगे, अब जाग उठी है तरुणाई।


रत्नगर्भा रत्न उगलती, नदियां कलकल बहती हैं।

हरी भरी फसलें खेतों में, सुख की कहानी कहती हैं।

तपती धरती को सहलाने, वर्षा ऋतु फिर से आई।

ना हारेंगे ना ठहरेंगे, अब जाग उठी है तरुणाई।



खड़े सीमा पर प्रहरी बनकर, शस्त्र सुसज्जित मतवाले।

किसका साहस है सीमा पर, कुदृष्टि अपनी डालें।

मान मर्दन हो शत्रु का, ये वीर यदि ले अंगड़ाई।

ना हारेंगे ना ठहरेंगे, अब जाग उठी है तरुणाई।



उद्योग चक्र निरंतर चलता, मेड इन इंडिया नारा है।

समृद्ध और विकसित भारत, अब तो हमको प्यारा है।

सत्ता से लौटा है गौरव, ज्यों सुंदृढ़ हाथों में आई।

ना हारेंगे ना ठहरेंगे, अब जाग उठी है तरुणाई।
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राष्ट्र को समर्पित मेरे शब्द पुष्प!
जितेन्द्र शर्मा

Comments & Reviews

Jitendra Sharma
Jitendra Sharma मेरा भारत महान।

8 months ago

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Ujjwal Kumar
Ujjwal Kumar धन्यवाद आपका

8 months ago

LikeReply

Jitendra Sharma
Jitendra Sharma तरूण भारत को मेरा शब्द पुष्पों द्वारा नमन।

7 months ago

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