मारूफ आलम 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #स्तर# दलाली# ऊंचा 54459 0 Hindi :: हिंदी
तुम देते हो गाली तुर्कों को लेकिन जिक्र तक नही करते अंग्रेजों का,अपनी किताबों मे और तो और तुम्हारी वाट्सएप युनिवर्सिटी मे मुगलों की बुराई तो मिल जायेगी मगर अंग्रेजो के खिलाफ एक हर्फ़ भी नहीं मिलेगा और ये पक्का सबूत है कि तुम कितने वफादार हो अपने आकाओं के प्रति और ये सबूत है तुमने मिलकर अपनों को कैसे लूटा है ये सबूत है कि तुम्हारे खून मे दलाली का स्तर कितना ऊंचा है मारूफ आलम