संदीप कुमार सिंह 12 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 4146 0 Hindi :: हिंदी
खुशियों से चेहरा महक रही थी तारीफ़ में बोली वाह, दिल मेरा गदगद हो गया प्यार करने की बढ़ी चाह, मैंने कह दिया I Love You Dearहस के बोली, अब आप से ही जुड़ जायेंगें मेरे जीवन की राह। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....