संदीप कुमार सिंह 29 Jun 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5300 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) सच कहना अपराध है, यह तो गहरा पाप। हम सब अटल विरोध कर, करूं सत्य का जाप।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....