संस्कारवान ,शिक्षित गरीब व्यक्ति !
हमेशा शालीनता का व्यवहार करता है ! !
संस्कारहीन शिक्षित धनी व्यक्ति !
प्रायः मूर्खता पूर्ण व्यवहार करता है !!
आखों में रेत का एक कण !
हमारी बेचैनी बढ़ा देता है ! !
ऐसे ही एक कठोर वचन भी !
हमारी बेचेनी बढ़ा देता है !!
अपने स्वार्थ के लिए रिश्तों को !
निभाना इंसान की फितरत है !!
रिश्तों को निःस्वार्थ निभाना ही !
इंसान का बडप्पन है !!
जैसे घड़ी अमीर गरीब, जाति धर्म में भेद नही करती
सभी को एक सा समय बताती है !
हमारे व्यव्हार में भी सभी इंसानों के प्रति !
घड़ी जैसी ही समानता होनी चाहिए !!
अखिलेश श्रीवास्तव