पिन्दु कुमार 12 Oct 2023 कविताएँ अन्य 12933 0 Hindi :: हिंदी
तू दिखती है इतनी भोली -भाली लगती है किसी की राजकुमारी या राजदुलमी ... रोज सवेरे आ जाती मेरे घर को, मेरी प्यारी लाडली से मिलने जाने क्या -क्या उसे सिखलाती । मैं कहता हूँ , तू उसे सिखलाना सबसे करना बातें मीठी - मीठी सदा सच्ची बातें करना । झूठी बातें कभी न किसी से कहना । मैं न पूछूँगा कहाँ से तू आती ? कहाँ घर है तेरे ? क्योंकि तू लगती - है इतनी भोली - भाली चलो मैं सोचता हूँ - कोई तो आते रहती है । मिलने मेरी प्यारी लाडली से, इसीलिए मैंने तुम्हें मान लिया - उसके लिए, तुम ही हो सकती । एक अच्छी एवं सच्ची साथी मैं खोजने वाले ही था उसके लिए, एक अच्छी एवं सच्ची साथी मैं उसे देख - रेख करने में, आसमर्थ रहता था । क्योंकि मेरे को दफ्तर से छुट्टी नहीं मिलता । काम ज्यादा हो जाता - मेरे को करने को माँ उसकी ,उसके साथ - नहीं रहती थी । इसीलिए मेरे को जरूरते था । मेरी प्यारी लाडली के लिए, एक अच्छी एवं सच्ची साथी