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अतीत के पन्नों ने कहां ना देख मुझे पीछे मुड़कर

Meena ahirwar 30 May 2023 कविताएँ समाजिक कविता - अतीत का पन्ना# सामाजिक हित एवं जनहित # अतीत को भूलकर आगे बढ़ने की सीख। 11228 0 Hindi :: हिंदी

अतीत के पन्नों ने कहां , 
ना देख मुझे पीछे मुड़ कर । 

मैं दर्द के शिवा तुम्हें, 
 कुछ ना दे पाऊंगा । 

जब जब देखोगे मुझे , 
आँसू ही पाओंगे । 

जब छूट गया सब पीछे, 
 अब अतीत की बातों का सोख क्या करना।

भूल जा सब सपनों के जैसा आज, 
हकीकत कुछ और बयां करती है। 

उद्देश्य- इस कविता का उद्देश्य है की व्यक्ति अपने अतीत को भूलकर भविष्य की और ध्यान दें ना की अतीत में  जो हुआ उसे लेकर दुःखी रहे। 

मीना अहिरवार, 
जिला- छतरपुर (म.प्र) ।

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