Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

रिश्ता अमरता का

Raj Ashok 28 Dec 2023 कविताएँ दुःखद कदम 12727 0 Hindi :: हिंदी

कल,
जब मैने उसे उदास होते देखा। 
 तब, मन मेरा भी उदास हो गया ।
खड़ी ,घंटों तक, 
एक तस्वीर से बतियाते रही।
कुछ सवाल थे।  
थोड़ी शिकायते थी। 
बस एक बुझती सी सांस मे ,
बच्चों की जिम्मादारीयाँ 
कभी बोझ नहीं होती। 
बस रोक के रखती है। कदम
ताकि ,भरोसे और विश्वास का
अपना जो कर्तव्य  है। 
निभाया जा सके। 
रिश्ता अमरता का वो विंरागना 
आज भी निभा रही है। 
सुहाग जिसका मातृभुमी 
को अर्पण उस हदय की 
पीर अब क्या कोई......

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: