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वतन के लिए जागो-वीरता की आग जलाओ

Arun Kumar 20 Jul 2023 कविताएँ देश-प्रेम Google/Yahoo/Bing 10651 0 Hindi :: हिंदी

वतन के लिए जागो, वीरता की आग जलाओ।
धरती की खुशबू खुद में महका कर आगे बढ़ जाओ।।

शांति और सौहार्द रहे जिसमें विकसित वह देश है,
जहाँ गरीबी को नष्ट कर, सभी को खुशियों से भर देश है।।

काले घने बादल घिर, विकलांगता भी आंधी उड़ाती है,
पर वीरों के जज्बे से खुद धरती गर्व महसूस करती है।।

देश भक्तों के हृदय में जलती शाम सदा सुरूर से,
क़ुरबानियों ने रंगी है इसे खून से, इमारतों को नहीं नज़रूर से।।

आओ बढ़ाएँ ये तराने, वीरों को मिले सम्मान ज़रूरी,
देश के सेनानियों के सैन्य में, वीरता का भविष्य है उज्जवल भविष्य का सूरज निकले धरती पर समृद्धि का हाथ हो,
जन-जन को मिले खुशहाली का संदेश, हर कदम पर देशभक्ति का ज्ञान हो।।

संघर्ष के मार्ग पर चलना है, सपूतों को इसे जान लेना है,
देशभक्ति के पर्व पर गर्व करना है, अपनी ताक़त को सबको दिखाना है।।

वतन के लिए जीना है, वीरता का संदेश देना है,
देशभक्ति के इस पंथ पर, बलिदान से श्रेष्ठता प्राप्त करनी है।।

जय हिंद, जय भारत!

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