Sachin 01 Oct 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत सफ़र 10608 0 Hindi :: हिंदी
चलो आज उसकी कहानी सुनाता हूँ जिसे मैं प्यार से सखी बुलाता हूँ. आई थी मेरी जिंदगी में कुछ 5 साल पहले लगती थी दिखाने में मेरे बिना जो रह ले, एक दोस्त समझकर बस अपना हाथ आगे बढ़या था एक दोस्त समझ कर बस अपना हाथ आगे बढ़या था उसने पकड़ा कुछ इस कदर की वो हाथ कभी ना छूट पाया था आज भी वो मेरा हाथ थामे मटक कर चल पढ़ती है वो आज भी वो मेरा हाथ थामे मटक कर चल पढ़ती है वो कोई भी समस्या हो सबसे पहले मुझे बताती है वो, दोस्त तो है मेरे कई और भी पर उस जैसा कोई और नहीं इतनी तारीफ करता नहीं मैं उसकी पर उससे ज्यादा प्यारा कोई और नहीं जब मैं रोता हूं मुझे चुप वो करती है जब मैं अकेला होता हूं मेरा सहारा बन मेरे पास चली आती है यू तो रोज होती रहती है लडाई हमारी पर दोस्ती गहरी है रोज ना मिलकर भी हम पास हैं और पास रहकर भी हम दूर नहीं मेरे सामने आज तक वो रोई नहीं, इससे से ज्यादा बहादुर कोई और नहीं इतना सहकर भी वो हंसते रहती है, उसे देखकर मुझे हिम्मत मिलती है उसे देखकर मुझे हिम्मत मिलती है कभी अकेला छोड़ा नहीं है मुझे और ना ही मैं अकेला छोड़ूंगा मामुली नहीं खास है वो मेरे लिए सिर्फ सखी नहीं जान है वो मेरे लिए सबको दोस्ती नसीब नहीं होती लोगो के साथ रहकर भी कुछ लोगो की दोस्ती नहीं होती सबको दोस्ती नसीब नहीं होती लोगो के साथ रहकर भी कुछ लोगो की दोस्ती नहीं होती. ना चाहते हुए भी अब तुझसे दूर नहीं हो पाऊंगा जो होने लगे हम दूर हर महीने मिलने चला आऊंगा, खुशनसीब हूं मैं जो राधे ने मुझे तुझसे मिलाया तुझ जैसा कभी मेरी जिंदगी में ना आया, दुआ है मेरी हम हमेशा साथ रहे और हमारी इस प्यार को किसी की नज़र ना लगे. यू तो बाते हजारों से की है पर दिल तुम पर आ कर रुका है यू तो बाते हजारों से की है पर दिल तुम पर आ कर रुका है बातों का सिलसिला सहलाब बन चूका है मिलते तो रोज नहीं पर बात रोज करेंगे इस पुरानी दोस्ती को हम याद जरूर करेंगे कुछ दिनों का किस्सा महिनो सा लगता है तुम्हारे यू आना एक सपना सा लगता है घंटो बातें करना एक अचंभा सा लगता है पर तुम्हारा जाना अच्छा सा नहीं लगता है चलो कोई नहीं आई हो तो जाना है चलो कोई नहीं आई हो जाना है पर वादा करो तुम्हें जल्दी लौट कर आना है इस मुलाकात को और हंसी करेंगे साथ में फिर से घुमने चलेंगे तुम्हारी इंतजार वापसी का हम बस तुम्हें बहुत याद करेंगे. सूरज की किरणो ने एक नया सा उजाला कर दिया बेचैन इस दिल को नया सा किनारा मिल गया खुद को खुद में पाकर जैसे मुझे मेरी जिंदगी मिल गई अपने रूह का परिंदा पाकर मैं सबसे खुशाल बन गया। दुनिया की रुख से दूर मैंने खुद को पा लिया, सबकी सिकायत से खुद का घर बना लिया दुनिया की रुख से दूर मैंने खुद को पा लिया, सबकी सिकायत से खुद का घर बना लिया ना टूटने दूंगा लोगो की तनो से खुद को कि मैने खुद का एक अलग जहांन बना लिया अचानक एक रंग से प्यार हुआ हल्की सी मुस्कान के साथ ये दिल जाने बहार हो गया सोंधी सी खुशबू मेरे आस पास से आई है कहीं इश्क की काली मेरे आंगन में तो नहीं आई है. क्या सिंज के इसे फूल बना दू या होने दू इसका इश्क का जादू सिंजने में तो वक्त लगेगा सिंजने में तो वक्त लगेगा पर जादू इसका पल भर में चलेगा चलो आँख मूंद कर ख्वाहिश माँगू या चल जाने दू इसका इश्क का जादू. By : Radhepriyesachin ✍️