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प्रेम - प्रेमिका

Nitesh Kumar Vishwakarma 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 9568 0 Hindi :: हिंदी

प्रेम - प्रेमिका 

जब एक प्रेम से उसकी प्रेमिका रिश्ता तोड़ने की बात करती है तो प्रेम उसको उत्तर कैसे देता है गौर फरमाइए.

मैं ० हूं कोई सितारा नहीं , मैं दुष्ट हूं कोई बेचारा नहीं .
मैं गली में रहता हूं लेकिन आवारा नहीं.
अरे ओ महबूबा , जरा गौर तो फरमाइए
और हमारी शायरी तो सुनते जाइए.
आपके आने से और जाने से हमें कोई गवारा नहीं,  क्योंकि मैं ० हूं कोई सितारा नहीं, मैं दुष्ट हूं कोई बेचारा नहीं.

ना तुम मेरे लिए कोई फूल हो और ना ही मैं तुम्हारे लिए कोई नवाब.
अरे ओ महबूबा , जरा सुनिए तो जितने भी हमने आपको  वस्तुएं दिलाए हैं दे दीजिए उनके हिसाब, क्योंकि मैं अपने माता-पिता के लिए हूं नवाब और तुम अपने माता-पिता के लिए हो गुलाब.

ना ही करना है कोई सवाल और ना ही देना है तुमको कोई जवाब,
अरे ओ  महबूबा , चलिए आप जाइए अपने रास्ते और मैं जाता हूं अपने रास्ते.
और दोनों का रिश्ता खत्म करते हैं हंसते - हंसते.

मेरे प्रिय दोस्तों और माता पिता आप सभी को मेरे प्रेमिका और मेरे तरफ से नमस्ते - नमस्ते.



                          नितेश कुमार विश्वकर्मा

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