akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत सावन की बारिश में भींगने में बहुत आनंद आता है 68809 0 Hindi :: हिंदी
* सावन की बारिश * सावन की रिमझिम बारिश में सजनी तुम्हारे साथ में पानी में भींगने का मेरा मन कर रहा है।। घने काले बादलों की ये घटा छा रही है पानी की ठंडी बूंदें तन में समा रही हैं इस मौसम में भींगने का मेरा मन कर रहा है।। तुम्हारी भींगी जुल्फें जैसे घटा हो काली इन घटाओं में छुपने का मेरा मन कर रहा है।। तुम्हारी इन लटों से मोती टपक रहे हैं इन मोतियों को छूने का मेरा मन कर रहा है।। भींगी हुई चुनरी में छुपा चांद सा ये मुखड़ा एक टक निहारने का मेरा मन कर रहा है।। इस सुहाने मौसम में बातें पुरानी कर लें यादों को फिर संजोने का मेरा मन कर रहा है।। सावन में पड़े झूले हमको बुला रहे हैं तुम्हारे साथ झूलने का मेरा मन कर रहा है।। आनंद के इन क्षणों में इंद्रधनुषी इन रंगों में हम दोनों रंग जाएं मेरा मन कर रहा है।। रचियता --अखिलेश श्रीवास्तव एडवोकेट जबलपुर
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...