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अपनी औकात-पहली दफा ही दिखा गई

Raj Ashok 10 Oct 2023 शायरी समाजिक औकात 9397 0 Hindi :: हिंदी

कमब्त,
खामोश सा बैठा था। दिल  
एक जगहाँ के, मन को अचानक 
एक दंगाबाज की याद आ गई।
वो सात जन्म का वादा कर के 
पहली दफा ही अपनी औकात  दिखा गई ।

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