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मैं एक कवयित्री हूं-शब्दों की उधेड़बुन करके

Meenakshi Tyagi 10 Jul 2023 कविताएँ समाजिक 5161 0 Hindi :: हिंदी

मैं एक कवयित्री हूं
शब्दों की उधेड़बुन करके 
करती अपने विचारों की अभिव्यक्ति हूं 
हां मैं एक कवित्री हूं 
ठहराव था कभी जिस कलम में
उस कलम की आगे बढ़ती एक प्रगति हूं 
हां मैं एक कवियत्री हूं
 हाथ पकड़ जितने आगे बढ़ना सिखाया 
उस साहित्य लाइव की अब मैं भी एक सूक्ति हूं
हां मैं भी एक कवियत्री हूं
करती हूं साहित्य लाइव का हृदय से आभार व्यक्त
क्योंकि साहित्य लाइव का हाथ पकड़ मैं भी अब एक शक्ति हूं 
हां मैं भी एक कवियत्री हूं।।🙏🙏

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