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मां

Poonam Mishra 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य छोटी सी गुड़िया की कहानी 105853 0 Hindi :: हिंदी

एक छोटी सी गुड़िया थी मैं 
न जाने कब बड़ी हो 
गई
 हवा ऐसी चली है वक्त की
 कि आप की छांव से मैं दूर हो गई 
गुड़िया से खेलते खेलते
 न जाने कब में बड़ी हो गई
 आज भी मुझे सब कुछ 
वैसा ही लगता है 
मैं ही मैं हूं हर 
जगह
 मां को क्यों ऐसा लगता है

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