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अर्ध्नेशवर

Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य अर्ध्नेशवर 13017 0 Hindi :: हिंदी

मैं भी तो आप के जैसा 
बस थोड़ा सा अधूरा 
नर नारी दोनों मैं 
मेरे पास भी दो ऑंखें 
दो हाथ दो पैर 
सूरत भी आप से मिलता 
फिर काहे तू 
भागे हम से 
क्यों चुराये नयन 
उमा पति महेश भी तो 
अर्ध्नेशवर कहलाये
बड़ा ही दुःखद होता हैं 
जब तू मुझसे छूत करे 
ईश्वर का ही तो 
अंश हैं मुझे में
फिर किस लिए 
धृणा करता 
क्यों रव का 
मन दुखाये 

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