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अच्छे साथी के सपने

Aarti Ramesh Honale 16 May 2023 कहानियाँ दुःखद Sapnon ka chura 6457 0 Hindi :: हिंदी

एक लड़की बचपन से ही अच्छा साथी मिलने की तमन्ना रखती है या अच्छे साथी के सपने सजाती है।

   जब लड़की बड़ी हो जाती है तो उस लड़की की शादी की जाती है। शादी के साथ उस लड़की के सपने भी उस नए घर में चले जाते हैं जो कि बहुत ही प्यारे-प्यारे और निराले होते हैं। कुछ ज्यादा पति के संग तो कुछ सास-ससुर और कुछ ननंद और देवर के संग।

  कुछ दिन बीत जाने के बाद ओ लड़की सबके स्वभाव से परिचित हो जाती है। सबको जानने लगती है पहचानने लगती है। तब जाकर पता चलता है कि आखिर ससुराल क्या होता है, पति क्या होता है। उस घर में लड़की को ही सब को समझना पड़ता है। पर लड़की को कोई नहीं समझता कि वह क्या चाहती है क्या नहीं।

 घर का हर इंसान आता है और काम पूछता है। कोई काम ना होने पर चार बातें सुनाता है। और कुछ बोलने पर पति तो मारने के लिए उठता है।कभी-कभी तो मार भी देता है। तब उस लड़की पर क्या बीतती होगी।

   उस लड़की की कभी कबार अगर तबीयत खराब हो गई तो भी उसको काम ही करना पड़ता है। ना करने पर उसको बोलते है यह तुम्हारे बाप का घर नहीं जो ऐसे सोती रहोगी। चलो उठो और काम करो। अगर सोना है तो अपने मां के घर जाकर जितने भी दिन सोना है उतने दिन सो। यहां नहीं चलेगा तेरा सोना।

ओ तबीयत खराब होते हुये भी उठकर काम करती है।हर किसी का जुलम चुपचाप सहती है। की कोई बुरी खबर उसकी मायके तक ना पहुंचे। फिर भी ससुराल के लोग छोटी सी छोटी खबर भी मायके तक पहुंचाते ही रहते हैं। कि तुम्हारी लड़की ने ऐसा किया कि तुम्हारी लड़की ने वैसा किया। काम नहीं कर रही बस सो रही है। तबीयत खराब है ऐसा बोल रही है।आप उसे आकर ले जाओ। यहां से लड़की के मां बाप भी लड़की को ही बोलते हैं ।उसका सच हो या झूठ उसको ही चार बातें सुनाते हैं। उसको किसी का भी साथ नहीं होता। ओ तो एकदम अकेली पड़ जाती है।

 ऐसे ही दिन गुजरते जाते हैं और देखते-ही-देखते बच्चे पैदा हो जाते हैं। वो काम करती है और बच्चों में ही उलझी रहती है।

  फिर धीरे-धीरे घरवालों के और कुछ आदतों के बारे में उसको पता चलता है। गुटखे खाने के लिए, दारु पीने के लिए, मोसहारी खाना खाने के लिए पति किसी से भी पैसे उधार लेता है और कर्जा करके रखता है। जब वे इंसान पैसे मांगने घर आते हैं,तो वह घर की चीजें बेच देता है। जैसे सोना। जब पत्नी पूछने लगती है तो कुछ भी झूठ बोल कर टाल देता है। कि मेरे दोस्त ने लिया है सोना, खराब हो गई तो उसको दुरुस्त करने के लिए दुकान पर दिया हूं। फिर वहां पूछताछ करने पर वहां से भी झूठ बोला है बोल कर पता चलता है। कितनी भी बेज्जती होने के बाद भी उसके स्वभाव में कुछ बदलाव नहीं होता। ओ बार-बार वही गलती दोहराता है। उससे जुड़े हर एक इंसान के जिंदगी में परेशानियां लाता है।

  उसको ना अपने बच्चों की फिक्र होती है ना किसी की भी। तो अपने आप में ही धुन रहता है। गुटके खाना और दारु पीना मांसाहारी खाना और मौज करना इसमें ही सारे पैसे बर्बाद करके कर्जा करता है और बाद में यहां वहां भटकते रहता है पैसों के लिए। उस लड़की की जिंदगी नर्क से भी बतर बनाता है। मां-बाप कुछ बोलने पर घर छोड़ कर चला जाता है और अपनी बीवी बच्चों को मायके में छोड़ देता है। और लड़की के मां-बाप कुछ पूछने पर एक महीना काम करने के बाद इनको यहां से ले जाऊंगा बोल कर चला जाता है। और खुद बाहर काम करके मस्त खा पी के अकेले ही रहता है। ना उसको बच्चों के कल की फिकर रहती है ना आज की।

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