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कसूरवार कौन???????

Chanchal chauhan 02 Mar 2024 कविताएँ समाजिक देखा था मैंने अपनी आंखों में यह सपना जो माँ सँजोए है यह सपना 1767 0 Hindi :: हिंदी

देखा था मैंने अपनी आंखों में एक प्यारा सा सपना

वो सपना जो हर माँ सँजोती है

और वो माँ जो अपनी बेटी के प्रति विश्वस्त है

और वो माँ जो अपनी बेटी के प्रति आशावान है कि

मेरी बेटी पूरा करेगी यह सपना

सपना था सक्षम बनने का ,एक निर्भीक स्वधर्मी व स्वावलंबी बनने का

था एक सपना कि मेरी बेटी बढ़ाएगी  मान सम्मान व ईमान मेरा

था सपना कि मेरी बेटी जरूर बदलेगी परिवार की खुशहाली व तरक़्क़ी व रौनक का नक्शा

तथा माँ बाप के अधूरे सपनों की उड़ान का सपना

तथा माँ बाप की आँखों में तैरते  बच्चे के उज्वल  भविष्य का  सपना

तथा था सपना भाई बहनों के परस्पर स्नेह बंधन व खुशी में बंधने का

था एक सपना एक खुशहाल परिवार का

था सँजोया एक सपना अपनी सहेली जैसी बेटी के लिए

एक सच्चा , ईमानदार ,प्रतिष्ठित, हमसफर  जीवनसाथी का

था एक जरूरी सपना बेटी की सम्मान से विदाई करने का।

परंतु क्या हुआ ?! इस सपने का ! जो हो ना सका अपना !

!!!! जैसे कोई आया शिकारी जंगल में और नष्ट कर दिया उस घोसले को

जिसमें चिड़िया अपने बच्चे को उसमें सँजोये हुई थी

और ले गया शिकार करके उसके बच्चे का 

अपने बच्चे की खोज में दुखी चिड़िया इधर उधर भटकती वैसे ही 

व्यथित माँ बाप ने बहुत देखा इधर उधरऔर  राह बच्चे  की  कि शायद शिकारी के चंगुल से बचकर आ जाए

पर हुआ ना ये .....और हो ना पाया !!.....

था सपना जो  माँ बाप के विश्वास का भरोसे का 

वो  ह्रदय में दफन हो गया

और वो सारे सपने आंखों की पुतलियो में ही सूख गये

और और बस ,......

रह गई अधूरी और विक्षिप्त यादें .....

जो इतना टूट गयी व बिखर गई कि

जो कभी देख ना पाएंगी सपना

वो सपना जो था कभी आँखों में

वह सपना जो होना था कभी अपना ...

बस सब टूट गया ...... जैसे कांच टूट कर बिखर जाता है।

क्या दोष था उन माँ-बाप का जो करते थे अपनी बेटी पर विश्वास प्यार भरोसा ...

विश्वास प्यार भरोसा धैर्य और आत्म सम्मान व प्रतिष्ठा का

यह स्नेह और प्यार की कैसी परीक्षा

जो दो पल ना लगा ,और सब बिखर गया ।

कसूरवार कौन ????

कसूरवार कौन????

ये है मेरी सहेली की कहानी जिसकी ह्रदय  सिसकियों व व्यथाओ से मेरा मन वेदना से भर गया। उसकी  वेदना व  ह्रदय जख्मों की गहराईयों को बहुत नजदीक से देखा है मैंने । बस तभी मैने ठाना कि अपनी क़लम से मैं उसकी वेदना  को शब्दों के रूप मे उकेरुगी और  सभी माँ बाप व भाई बहनों के ह्रदय से इस प्रश्न  का प्रतिउत्तर चाहूँगी कि क़सूरवार कौन ???  

आपके उत्तर की मुझे प्रतीक्षा रहेगी।

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