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वेदना

संदीप कुमार सिंह 19 Apr 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता पाठक लोगों को अवश्य ही पसंद आएगी. 85 0 Hindi :: हिंदी

शब्दों में तुझको उतारा,
हुआ प्रेम जब मेरा विह्वल।
मालाओं में तुझको पिरोया,
 तेरी एक निर्णय ने,
मेरा सब कुछ छीना।
पड़ी गांठ जब दिल पर मेरे,
तेरी यादों ने दिया सहारा।
अश्रु से भरी नैनों को सबसे छुपाया,
कविताओं में तुझको उतारा।
जब-जब मैं पड़ी अकेली,
कविताओं ने दिया सहारा।
 हुआ दर्द जब असहनीय,
नव श्रृंगार में तुझको सजाया।
मेरे बाद भी रहे स्मृति शेष,
पंक्तियां में तुझको पिरोया।
 है प्रेम मेरा सबसे अलग,
 जान ना पाए कोई इसको।
कोरे कागज पर इसको दफ़नाया,
हो जब कभी फुर्सत के पल।
कोरे कागज में ढूंढ लेना,
टेढ़े -मेढे शब्दों में,
 तेरा आकार बनाया।
जब -जब तेरी याद आई...
(स्वरचित मौलिक)
संदीप  कुमार  सिंह✍️

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