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R mourya ji 30 Mar 2023 शायरी समाजिक 7361 0 Hindi :: हिंदी

बुरा ये वक़्त मेरा कुछ सीखा रहा है मुझको, मेरे अपने पराये की पहचान करा रहा है मुझको, ओर सायद कुछ जादा ही है मुझमे, ये जमाना मेरी कमीया गीना रहा है मुझको, मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी 2 समझते है, हम कुछ भी ना कहेंगे  के अब तो वक़्त ही जवाब देगा सब को

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