Poonam Mishra 30 Mar 2023 गीत समाजिक एक ही चाह में हम दोनों जले 19029 0 Hindi :: हिंदी
एक ही चाह में हम दोनों जले . एक तुमको कहीं का उजाला मिला एक हमको जहां में अंधेरा मिला. जीवन भर मैं यह सोचती ही रही न जाने मुझे सजा किस की मिलती रही एक तुम हो कहीं प्यार में ही पले. एक मैं हूं कि प्यार को तरसते रहे मेरी हर व्यथा धूल में उड़ गई पर कुछ था जो सुन रहा था गगन . मैं भी अलबेली यू चलती रही धुन में अपनी मगन . एक तुम हो कहीं प्रीति से दूर हो. एक हम हैं यहां प्रीति में जल रहे. स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा